ट्रेडिंग मनोविज्ञान और इंसानी प्रतिक्रिया
प्रोफिट - लॉस केवल दो शब्द और आपकी भावनाओं को आपने महसूस कर लिया | जी हाँ लालच और डर | जिस तरह एक चित्रकार किसी चित्र में एक ही रंग के अनेकों शेड्स प्रकार देख लेता है उसी तरह एक ट्रेडर भी ट्रेडिंग के दौरान इन्ही दो भावनाओं के अनेक प्रकार को महसूस करता है |
तो क्या केवल डर और लालच से बचा जाये तो बस ?
क्या इन दो भावनाओं से बच जाना एक भावनाशून्य ट्रेडर बनाएगा ?
कैसे बचें इन भावनाओं से ?
मै लालची नहीं हूँ और डरता तो मै किसी के बाप से भी नहीं ?
ट्रेडनीती देगी आपके सभी तरह के सवालों के जवाब और यह भी बताएगी की क्या करना चाहिए जिससे ट्रेडिंग में भावनाएं सहोगी बने कोई अड़चन नहीं ! क्या करें की आपकी भावनाए जैसे गायब हो जाएँ और आप केवल एक शून्य महसूस करें ! कैसे अपने मन को अपने दिमाग पर हावी न होने दें ! कैसे पायें अपनी प्रतिक्रियाओं पर प्रभुत्व ! कैसे किसी परिस्थिति को समझदार और वास्तविकता से प्रतिक्रिया दें ! कैसे समझें की ट्रेडिंग एक व्यापार है कोई जंग नहीं ! और अंत में क्या पद्धति है जिससे ट्रेड करने पर संतुष्टि मिले बेचैनी नहीं !!
जी हाँ यह सब आसानी से पाया जा सकता है | अ.... हं .. केवल किताब पढ़ लेने भर से कोई संत नहीं बनता ट्रेडर जी !! पर फिर भी यह सब आसानी से पाया जा सकता है बशर्ते आप अपना डीमैट अकाउंट से पैसे निकाल लें और किताब पूरी तरह पढ़ें समझें और उसे वास्तविक जीवन में जीना शुरू करें | कुछ महीनों के अभ्यास से आप अपनी भावनाओं को अहमियत देना और भावनाशून्य प्रतिक्रिया देना सीखेंगे | और यह सिखने के लिए शांत चित्त की बहोत जरुरत होती है अत: ट्रेडिंग बंद कर दें कुछ महीनों के लिए | यह आपके लिए शुभ होगा यकीन जानिए ट्रेडर जी , ट्रेडिंग कुछ महीनों के लिए बंद कर दीजियेगा | और किताब पढ़ लीजियेगा |
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