शेअर मार्केट क्या होता है
यह कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने का बाजार है , जहाँ अलग अलग कम्पनियाँ अपने कंपनी का छोटा सा हिस्सा बेचती है और खरीददार उस हिस्से की बोली लगाते है | जैसे जैसे कंपनी की आय जादा होगी खरीददार बढ़ेंगे और उस हिस्से की कीमत बढ़ेगी | उसी तरह अगर कंपनी घाटा कर रही है तो उसमें कोई भागीदार नहीं होना चाहेगा इसलिए खरीददार उस कंपनी के हिस्से की बोली कम करते जायेंगे और उसकी कीमत कम होती जायेगी |
• कंपनी की सम्पूर्ण हिस्सेदारी में से केवल १५ प्रतिशत ही आम निवेशक तक पहुँच पाते है | और अगर आपको बड़े तौर पर हिस्सेदार बनना है तो उसे "ब्लाक डील" यानि की मार्केट से कम कीमत पर सीधे कंपनी से ख़रीदा जा सकता है | बहारहाल कम्पनी के शेअर्स कुछ विभागों में बंटे होते है जैसे की "लोक्ड शेअर्स, प्रमोटर्स के आरक्षित शेअर्स, किसी बड़ी कंपनी की बड़ी हिस्सेदारी हो तो वे शेअर्स, कोई लॉन्गटर्म निवेशक हो .. जैसे की वोरेन बफेट उन्होंने ख़रीदे हुए शेअर्स...... तो ये शेअर्स लगभग हमेशा उन्ही के पास होते है जब तक की कंपनी अच्छा कारोबार कर रही है |
हिस्सा यानि के शेअर . और अगर आप उस हिस्से को खरीदते है तो आप भी उस कंपनी के "हिस्सेदार" हो जाते है | जिसका मतलब है कंपनी के फायदे में आपका फायदा और घाटे में आप का घाटा |
एक उदहारण से समझते है :
अगर रिलायंस का शेअर "मुंबई के शेअर बाजार में" (BSE) १००० रुपये का एक मिल रहा है तो इसका मतलब हुवा की यह रिलायंस कंपनी के "एक हिस्से की कीमत १००० है जिसे खरीद कर आप रिलायंस के एक हिस्से के हिस्सेदार बन गए"| इसी को शेअर खरीदना कहते है |
कंपनी ऐसा क्यों करती है ?
यह कंपनी में निवेश बढ़ाने का तरीका है | जब आप कोई शेअर खरीदते है तो वह पैसा सीधे कम्पनी को मिलता है जिसका उपयोग कंपनी की आमदनी बढ़ाने के लिए होता है |
खरीददार का क्या फायदा ?
बस यही की कंपनी काम करें और अच्छा पैसा कमाए तो हिस्सेदार के नाते आप के हिस्से में भी कुछ मुनाफा जुड जाये | और अगर कंपनी को घाटा हुवा तो भी एक अच्छे बिजनेस पार्टनर के तरह नुकसान में भी खरीददार अपने हिस्से का घाटा सहन करें |
दूसरा फायदा यह है की अगर कंपनी के बेहद अच्छा मुनाफा कमाया तो आपको प्रति शेअर के हिसाब से फायदे में हिस्सा मिलेगा जिसे "डीवीडण्ड" कहा जाता है |
मुंबई बाजार यानि बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज को या फिर किसी भी बाजार को क्या फायदा ?
यह सरकार द्वारा आम जनता के लिए मुहैया कराया गया मंच है जहाँ के वव्यापार से टैक्स जमा होता है | और हाँ याद रहे की कोई भी स्टॉक एक्सचेंज किसी तरह का कोई कमीशन नहीं लेता | कमीशन केवल ब्रोकर तक ही सिमित होता है जो आपको सेवा देने के एवज में उनका हक बनता है |
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