क्या ट्रेडनीती पैसा वसूल किताब है' ?
अगर मैं कहूँ की जी हाँ यह पैसा वसूल से कहीं जादा है तो वह "अपने मुह तारीफ कहलाई जाएगी । मैं यहाँ ऐसे इमेल्स और एस एम् एस पेश करूँगा जो ट्रेक्सनीती पाठकों ने ट्रेडनीती पढने के बाद प्रतिक्रिया के रूप में मुझसे साँझा की है ।
सबसे प्रथम गुजरात के छिंदवाडा के रहने वाले श्रीयुत डॉ. अवधेश भाई छाजेड जी इ मेल द्वारा
" सबसे पहले आपके प्रांजल और शुद्ध अंत:करण से लिखे गए किताब के लिए आपको कोटि कोटि धन्यवाद ! किसी भी किताब को लिखने के दो कारन होते है एक ज्ञान देना दूसरा रोकड़ा बनाना । इस किताब के जरिये तीसरे हेतु से मेरा सामना हुवा "केवल एक ही किताब में सौ किताबों का ज्ञान देना और किताब में कोई शंका हो तो उसे भी हल करना । शायद ही कोई लेखक अपने पाठकों के प्रति इतना अनुग्रहित और समर्पित होता होगा जितना की "ट्रेडनिति" का लेखक है । उच्चशिक्षित होने के बावजूद एक हिंदी किताब पढ़ना थोडा असहज सा लग रहा था पर किताब की सामान्य भाषाशैली और लेखक का पाठकों से जुडा हुवा अहसास मुझे किताब के आखिरी पन्ने तक बांधे रखने में कामयाब हुवा । ट्रेडनीती को बहोत बहोत सारा प्यार और शुभकामनाएं ।"
छाजेड जी ट्रेडनीती के प्रथम पाठक हैं ।
आगे महाराष्ट्र मुंबई से अर्पिता देशमुख जी लिखती है ।
" ट्रेडनीती, मैंने पहला मेल किया था की इस कीमत पर कोई किताब नहीं बिक सकती और केवल आठ दिन बाद मैंने खुद इ बुक खरीद की थी । मैं आपके ज्ञान की स्तुति नहीं करुँगी क्योंकि मैं उदहारण हु .. ट्रेडनीती के चार्टपैटर्न लेख से मैंने सोने में एक ट्रेड से 29700 पर शोर्ट करके 28785 पर कवर किया । जिस सामान्यता से आपने समझाया है सिखने में कोई मुश्किल आई ही नहीं । आज लगता है अगर यह किताब मैंने लिखी होती तो 1000/- से कम में नहीं बेचती ।"
ट्रेडनीती डॉट इन पर "क्या यह पैसा वसूल किताब है?" प्रश्न प्रकाशित होने के उपरांत आई हुई प्रतिक्रियाएं ।
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