ग्यारह सौ सवाल और उनके जवाब ?



11 Hundred Questions and Answers - Tradeniti.in

 


                             आप ये जानकर चौंक जायेंगे की ८० प्रतिशत ट्रेडर्स अपने सभी सवालों के जवाब कभी नहीं जान पाते ! वे कभी भी सम्पूर्ण जानकारी पाने की अपनी कोशिश में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाते और ट्रेडिंग करने के उत्साह में वे जानकारी पाने की अपनी सहज जिज्ञासा को छोड़ देते है | उन्हें संयोग से मिला हुवा मुनाफा या टेक्नीकल भाषा में कहें तो "रैंडम प्रोफिट" मिलने के वजह से यह भ्रम पैदा हो जाता है की अब मै मुनाफा लेने योग्य ट्रेडिंग कर सकता हूँ | और कुछ दिन की ट्रेडिंग के बाद उनका अकाउंट लाल निशान पे खत्म होता है | यह एक चक्र है जो हर ट्रेडर के जीवन में अवश्य आता है |  

 

         ट्रेडनीती में यह कोशिश की गई है की जादा से जादा सवालों का संग्रह किया जाये और उन सवालों का सरल और सादी भाषा में जवाब दिया जाये | जवाब गोल मटोल या फिर घुमावदार नहीं होना चाहिए | आप अगर कुछ सवालों के जवाब जानना चाहते है तो यह किताब आपके सवालों के जवाब पूरी ईमानदारी से देगी | और अगर आप कुछ आधा अधूरा जानते है तो उस जानकारी को पूरा करने का सुवर्ण अवसर भी ट्रेडनीती देगी |

 

 

 

सवालों का मनोविज्ञान :

 

          दरअसल हर इंसानी दिमाग में जीवन में आने वाले हर पहलु के बारे में कई सवाल होते है जिनके जवाब कई तरह से पाए जाते है , पर कुछ सवाल ऐसे रह जाते है जिनके उन्हें जवाब न मिलने के कारण प्रश्नों को ही भुला दिया जाता है | यह बुद्धी को सुलझा हुवा रखने के लिए प्रकृति द्वारा आयोजित स्थापित नियम है : अगर आप के पास ऐसे सवाल है जिन्हें जानने से कोई फायदा या नुकसान नहीं होने वाला है तो ऐसे प्रश्नों को आने वाले सालों में सुलझाने के लिए या तो टाल दों या फिर भुला दो | इससे बौद्धिक उर्जा बचेगी और अन्य कार्यों में कुशलता मिलेगी |

 

        जब बालक सवाल पूछते है तो सभी उसे होशियार और समझदार समझेंगे पर अगर कोई प्रौढ़ व्यक्ति कोई सवाल पूछता है तो उसे सबसे पहले उसे ऐसी नजरों से देखा जायेगा की "क्या आपको इतना भी नहीं पता ?" प्रश्नकर्ता को सीधे तौर पर अज्ञानी या कम दिमाग समझा जाता है | यह इस बात की निशानी है की केवल जवाब देने वाला होशियार और सवाल पूछने वाले अज्ञानी | इसी सोच ने पूरी ट्रेडर समुदाय को अपने आप को कम आंकने का आदि बना दिया |   अब ट्रेडर या तो जाने बगैर ऐसा दिखाते है की अरे ये तो मै जनता हूँ | या फिर अपने सवालों को ऐसे दबा देते है जैसे कोई रोते हुए बच्चे को शांत कराये | यह मानसिक दबाव इस वजह से पैदा करने के पीछे एक वजह छिपी हुई है और वे यह है की "कोई आपको सलाह न दें ; की भैया पूरी जानकारी लिए बगैर ट्रेडिंग मत करो , डूब जाओगे "| बस हमें तो ट्रेडिंग करके देखना है अगर दस पचास मिल गए तो बस हुए |

 

             खैर, बेहद आसान सा सवाल : क्या आप बता सकते है "बिजली क्या होती है ?"  ......

मै यह नहीं पुछ रहा की कैसी दिखती है , क्या करती है , कैसे काम करती है | शायद इस सवाल का जवाब कई लोग दें पर हर इंसान ने अपने अचेतन मन के कई सवालों को हमेशा के लिए दबा दिया है और वे उन सवालों से मुकाबला नहीं करना चाहते क्यों की वे जवाब ढूंढने का झंझट में नहीं पड़ना चाहते |

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