पढ़ें पूंजी नियोजन सम्पूर्ण बारीकी के साथ



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                                            मैंने अपने ट्रेडिंग करियर में कई ऐसे स्विंग ट्रेडर्स, लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स और डे ट्रेडर्स  देखें है जिन्होंने केवल एक दिन में , केवल एक ही ट्रेड में उच्चतम डेढ़ लाख तक गँवा दिए | कई ट्रेडर महोदय ऐसे भी है जिन्होंने एक ट्रेड किया और सारी की सारी जमा पूंजी स्वाहा: हो गई | कईयों के डीमैट अकाउंट साफ़ हो गए और कईयों के माइनस में चले गए | 

 

क्या आप जानते है यह क्यों हुवा ?

क्या आप जानते है की यह रोका जा सकता है ?

क्या यह ट्रेडर की गलती है ?

क्या नुकसान हो रहा हो तो ट्रेड से एक्झीट करना चाहिए ?

क्या नुकसान बढ़ रहा हो तो उसे कम होने तक इन्तेजार करना ठीक नहीं है ?

क्या नुकसान ना लेकर इंतजार करना फायदेमंद नहीं होता ?

कई ट्रेडर्स नुकसान बुक करने के बजाय इंतजार करते है और वे फायदे में रहते है ऐसा होता है क्या ?

क्या ट्रेडिंग में ऐसा होता रहता है ?

क्या ऐसा होना जरुरी था ?

क्या गलती हुई जो ऐसा हुवा ?

क्या उपाय है जिससे यह रुक सकता था ? स्टॉपलॉस के इलावा !!

 

 

          काफी सारे सवाल और जवाब केवल एक : मनी मैनेजमेंट / पूंजी नियोजन 

 

यह कई बार देखा गया है की एक दुष्टचक्र कई ट्रेडर्स को औधे मुह गिराता है और ट्रेडर का पूरा आत्मविश्वास हर लेता है | होता ऐसे है की ट्रेडर बिना स्टॉप लॉस के एक ट्रेड करता है और ट्रेंड उसके अनुमान के खिलाफ चला जाता है | प्रथमत: ट्रेडर इसे मार्केट की चंचलता समझता है और नुकसान बढ़ता जाता है | एक समय ऐसा आता है जब ट्रेडर का नुकसान बहोत जादा बढ़ जाता है | ट्रेडर लॉस बुक करने में झिझक महसूस करता है और सोचता है की : अगर लॉस बुक करने के तुरंत बाद ट्रेंड मेरे दिशा में जाने लगे तो ? या फिर "इतना जादा नुकसान अब कैसे बुक ? थोडा इंतजार कर लेता हूँ शायद ट्रेंड मेरी दिशा में घूम जाये !!

             केवल ट्रेडर की यही सोच जिम्मेदार है उसे बड़े नुकसान के लिए | अगर, शायद, कहीं ऐसा न हो और कैसे इन शब्दों से शुरू होने वाले डर से जन्मे सवाल ट्रेडर की समझदारी को ट्रेडिंग से अलग कर देती है और यह ट्रेडर के पूंजी से जुड़ा सवाल बन जाती है | यह कई तरह से ट्रेडर के सोचने समझने और महसूस करने की स्वाभाविक दशा को आश्चर्यचकित कर देने वाली तेजी से क्षतिग्रस्त कर देती है और ट्रेडर का आत्मविश्वास टूटने लगता है |

 

          इस चक्र से निकलने के लिए आपको चाहिए की आप जाने की ट्रेड करने के लिए जोखीम का स्तर क्या होना चाहिए ?

 

जाने की किसी एक ट्रेड में कितना जोखीम ले सकते है ?

जाने की किसी ट्रेड में इंटर करने से पहले यह तय करे की आपका रिस्क कैपिटल कितना है ?

जाने की ट्रेड गलत पड़ने पर आप कितने वक्त में ट्रेड से बाहर हो जायेंगे ?

 

          ट्रेडनीती न सिर्फ आपको समयसिद्ध पूंजी नियोजन के हुनर सिखाती है बल्कि यह भी सिखाती है की कौनसे वे तरीके है जिनसे आप अपना ट्रेड पूरी तरह से भावनाशून्य और चिंता रहित तरीके से कर सकें | यह अपने पूंजी से लाभ उठाने के प्रयास में किया जाने वाला प्रथम चरण है | केवल पूंजी नियोजन करने से ही आप अपने नुकसान की मात्रा को सीमित कर सकते है | 

 

           यह जरुरी है की आप कम जोखीम में ट्रेड करें | अपना ध्यान इंट्री और सिग्नल से जादा जोखीम पर लगाएं | यह तय करें की आपका प्रति ट्रेड कितना नुकसान सहन करने योग्य है | कभी भी मुनाफे के स्वप्न में ना रहें और कल्पनाये न करें बल्कि सत्य परिस्थिति से रूबरू होकर समय की मांग को समझें | अपने विवेक से और पूरी ईमानदारी से अपने ट्रेड के सफल और विफल होने वाली सूचि को लिख लें | और यह समझें की पूंजी नियोजन एक सफल ट्रेडिंग का आधार है | 

 

          सभी सवालों के जवाब और सिद्ध पूंजी नियोजन सिखने के लिए अपनाएं "ट्रेडनीती : कैसे बने सफल प्रोफेशनल ट्रेडर?"

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